विवरण - सोचा कि इस बार उन तमाम लेखकों, साहित्यकारों और कवियों के बारे में दो शब्द लिख देता हूँ, जिन्होंने केवल कलम की नींव पर सच्ची क्रांतियों का विस्तार किया ।
कविता -
ख़ुशक़िस्मती है उनकी, जिनकी स्याही
किसीके जीवन का आधार बदल देती हैं
अलफ़ाज़ तो हवा हैं साहब, ये तो क़लमें और क़िताबें हैं
जो किसी शख़्स का विचार बदल देती हैं ।।
©बिनीत कुमार झा | kavya_shaili

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